क्र० सं० |
पीठ का नाम |
न्यायिक सदस्य का नाम |
विभागीय सदस्य का नाम
|
अधिवक्ता सदस्य का नाम |
1. |
आगरा पीठ-1 |
.......... |
.......... |
- |
2. |
आगरा पीठ-2 |
.......... |
श्रीमती गीता सिंह
|
- |
3. |
इलाहाबाद
पीठ-1 |
श्री राजीव रंजन |
.......... |
- |
4. |
इलाहाबाद पीठ-2 |
.......... |
श्री मुक्तिनाथ वर्मा |
|
5. |
बरेली पीठ |
.......... |
.......... |
- |
6. |
गोरखपुर
पीठ |
श्री बीरेंद्र कुमार |
.......... |
- |
7. |
झॉसी पीठ |
श्री नवीन कुमार सिंह |
.......... |
- |
8. |
कानपुर पीठ-1 |
.......... |
.......... |
- |
9. |
कानपुर पीठ-2 |
.......... |
श्री दया शंकर तिवारी |
- |
10. |
कानपुर पीठ-3 |
........... |
श्री कमलेश्वर प्रसाद वर्मा |
- |
11. |
कानपुर
पीठ-4 |
........... |
श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव -III |
- |
12. |
फैजाबाद पीठ |
........... |
श्री प्रिंस कुमार |
- |
13. |
लखनऊ पीठ-1 |
श्री
अजय विक्रम सिंह |
.......... |
- |
14. |
लखनऊ पीठ-2 |
........... |
श्री सत्यपाल सिंह -II |
|
15. |
लखनऊ पीठ-3 |
........... |
श्री विजय कुमार मिश्रा |
|
16. |
मुरादाबाद पीठ |
........... |
श्री विमल कुमार राय |
|
17. |
गाजियाबाद पीठ-1 |
.......... |
.......... |
- |
18. |
गाजियाबाद पीठ-2 |
........... |
श्री विष्णु दत्त शुक्ला
|
- |
19. |
नोएडा पीठ-1 |
.......... |
.......... |
- |
20. |
नोएडा पीठ-2 |
........... |
श्री अजय कुमार सिंह -1 |
- |
21. |
मेरठ पीठ-1 |
श्री अजय कुमार दीक्षित |
.......... |
- |
22. |
मेरठ पीठ-2 |
.......... |
.......... |
- |
23. |
मुजफ्फर नगर पीठ |
........... |
श्री प्रदीप कुमार यादव |
- |
24. |
वाराणसी पीठ-1 |
........... |
.......... |
- |
25. |
वाराणसी पीठ-2 |
........... |
.......... |
- |
26. |
वाराणसी पीठ-3 |
........... |
.......... |
- |
27. |
वाराणसी पीठ-4 |
........... |
श्री अनन्जय कुमार राय |
- |
28. |
वाराणसी पीठ-5 |
........... |
श्री विनय |
- |
29. |
वाराणसी
पीठ-6 |
........... |
.......... |
- |
30. |
अलीगढ़ पीठ |
........... |
.......... |
- |
31. |
सहारनपुर पीठ |
........... |
श्रीमती भारती योगेश |
- |
|
वाणिज्य कर
अधिकरण
अधिकरण:
अधिकरण से तात्पर्य अधिनियम की धारा-10
संशोधित नवीन धारा-57 में गठित
अधिकरण से है
सरकार:
सरकार से तात्पर्य उ०प्र० राज्य सरकार से है।
अध्यक्ष:
अध्यक्ष से तात्पर्य उस अधिकारी से है जो राज्य
सरकार के परामर्श से मा०
उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किया जाता है और
जिसके पर्यवेक्षण तथा नियंत्रण में अधिकरण के मुख्यालय सहित समस्त सदस्य तथा
पीठ कार्यालय कार्य करते हैं।
अपील: अपील से तात्पर्य उन अपीलों से है जो
व्यापार कर
अधिनियम की धारा-35, 10(बी) (9) तथा 4-ए(3)
संशोधित नवीन धाराएं धारा-55, धारा-48(7), धारा-56,
धारा-10(बी) धारा 4 AA-3, धारा-59 में विभिन्न अधिकारियों द्वारा
पारित आदेशों के विरूद्ध अधिकरण के समक्ष
राहत हेतु प्रस्तुत की जायेगी।
विविध: विविध प्रार्थना पत्र से तात्पर्य उन प्रार्थना
पत्रों से है जो अधिकरण के निर्णयों में पायी गयी त्रुटि के
निवारण अथवा अन्य राहत
हेतु प्रस्तुत किये जायेगें।
वाणिज्य कर
अधिकरण का मुख्य कार्य व्यापार/वाणिज्य कर से सम्बन्धित
द्वितीय अपीलों के निस्तारण का है जिसका वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा रहा
है:-
-
सदस्य न्याय
पीठ (एक सदस्यीय) का तात्पर्य उ० प्र०
वाणिज्य कर नियमावली के नियम-69 के उपनियम-3 के अधीन गठित अधिकरण की एक न्याय
पीठ से है और इसके अन्तगर्त अध्यक्ष की न्याय पीठ भी है।
-
खण्ड न्याय पीठ (दो सदस्यीय) का तात्पर्य ऐसी एक न्याय
पीठ से है जिसमें यथासाध्य कम से कम एक सदस्य उच्च न्यायिक सेवा का और एक
अन्य सदस्य हो।
-
पूर्ण न्याय पीठ (तीन सदस्यीय) का तार्त्पय तीन सदस्यों
की ऐसी न्याय पीठ से है जिसमें उच्च्तर न्यायिक सेवा का कम से कम एक सदस्य या
अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य हो।
-
वृहत्तर न्याय पीठ (पॉच सदस्यीय) का तात्पर्य ऐसी अपीलों
के निस्तारण के लिए जिनमें सारवान महत्व का विधि प्रश्न अर्न्तग्रस्त,
अधिनियम की धारा-10 की उपधारा -9 के अधीन अध्यक्ष के सामान्य या विर्निदिष्ट
आदेश से समय-समय पर गठित अधिकरण के तीन से अधिक सदस्यों की न्याय पीठ से है
जिसमें अध्यक्ष सहित कम से कम आधे उच्च्तर न्यायिक सेवा के
सदस्य और शेष अन्य सदस्य हों।
-
निबन्धक (रजिस्ट्रार) का तात्पर्य
शासन द्वारा तैनात ऐसे अधिकारी से है जो अध्यक्ष द्वारा समय-समय पर उसे सौपें
गये कार्या हेतु उत्तरदायी हो।
-
मुन्सरिम का तात्पर्य अधिकरण की एक न्याय पीठ के प्रधान
लिपिक से है और इसके अन्तर्गत ऐसे अन्य पदधारी, जिन्हे अध्यक्ष
द्वारा
प्राधिकृत किया जाए।
-
अध्यक्ष के नियंत्रण मे सदस्यों द्वारा
वाणिज्य कर अधिनियम की धारा-10
संशोधित नवीन धारा-57 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों एवं मा० उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय के
विभिन्न निर्णयों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायिक कार्य का सम्पादन किया
जाता है। जिनके कार्यो का पर्यवेक्षण
एवं नियंत्रण अध्यक्ष,
वाणिज्य कर अधिकरण द्वारा
समय-समय पर किया जाता है।
वाणिज्य कर अधिकरण में व्यापारियों / कमिश्नर
व्यापार कर द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली द्वितीय अपीलों मे निहित विवादित
धनाराशि रू० 2,00,000 /- तक की अपीलों की सुनवाई
एक सदस्यीय खण्ड पीठ तथा
2,00,000 /- से अधिक विवादित धनराशि की सुनवाई दो सदस्यीय खण्ड पीठ द्वारा
तथा धारा-4 ए, 4-ए(3) एवं धारा-35 से सम्बन्धित अपीलों की सुनवाई अध्यक्ष,
वाणिज्य कर अधिकरण, उ०प्र० लखनऊ द्वारा गठित पूर्ण
पीठ मे की जाती है।
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ds fnukWd ls 3 o’kZ dh vof/k ds fy,] ;k mlds }kjk 60 o’kZ dh
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¼2½ jkT; ljdkj vf/kdj.k ds v/;{k vkSj vU; lnL;ksa dh fu;qfDr
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v/khu ;k bl vf/kfu;e ds v/khu ;k bl vf/kfu;e ds izkjEHk
gksus ds fnukWad dks ;k mlds i”pkr~ fu;qDr fd;s x;s gksa] ij
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gksrs gSaA
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ds v/khu fdlh fofu”p; ;k /kkjk 48 dh vi/kkjk ¼7½ ds ijUrqd
ds v/kkhu fdlh funZs’k }kjk O;fFkr dksbZ O;fDr Lo;a ij ,sls
vkns”k] fofu”p; ;k funsZ’k dh izfr ds rkeh fd;s tkus ds
fnukWad ls uCcs fnu ds Hkhrj vf/kdj.k esa vihy djsxk %
1-
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11@2009½ fnukWad 28-2-2009 }kjk fnukWad 28-2-2009 ls “kCn
lewg *,d vf/kdj.k* ds LFkku ij izfrLFkkfirA
2-
mRrj izns”k ewY; loaf/kZr dj ¼la”kks/ku½ vf/kfu;e] 2008
¼la-19@2008½ fnukad 29-8-2008 }kjk fnukWad 16-7-2008 ls */kjk
55] /kkjk 56 ds v/khu ikfjr fdlh vkns”kksa* ds LFkku ij
izfrLFkkfirA
izfrcU/k ;g gS fd tgkW /kkjk 55 ds v/khu izkf/kdkjh }kjk
ikfjr vns”k fdlh izfrHkwfr]tks bl vf/kfu;e ds v/khu
vfHkxzghr eky dks NqM+kus ds fy, ekWx dh x;h izfrHkwfr u gks]
ls lEcfU/kr vkns”k gks] ogkWa bl /kkjk ds v/khu vihy /kkjk
55 ds v/khu vihy izkf/kdkjh }kjk fu;r izfrHkwfr iznku djus
ds i”pkr~ gh Qkby dh tk ldrh gS%
vxzsrj izfrcU/k ;g gS fd tgkW dj] “kqYd ;k “kkfLr dh
fooknxzLr /kujkf”k ikWp gtkj :i;s ls vf/kd u gks vkSj dksbZ
fof/kd iz'u vUrxzZLr u gks] ogkWa vihykFkhZ vius fodYi ij vf/kdj.k
ls viuh vihy ds laf{kIr fuLr5kj.k ds fy, fyf[kr :i esa
vuqjks/k dj ldrk gS] ftl ij vf/kdj.k rnuqlkj vihy d fofu”p;
dj ldrk gSA
LiLVhdj.k&bl mi/kkjk ds iz;kstuksa ds fy,] in **dksbZ
O;fDr** ds vUrxZr dfe”uj ls fHkUu fdlh vf/kdkjh }kjk ikfjr
fdlh vkns”k ds lEcU/k esa jkT; ljdkj Hkh gSA
¿fu;e 61]62]63 ns[ksaÀ
¼5½ vihy ds laf{kIr fuLrkj.k dh jhfr vkSj izfdz;k ,slh gksxh
tSlh fu/kkZfjr dh tk;sA
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vihy ;k vU; izkFkZuk i=ksa ij ykxw gksxhA
¼7½ vf/kdj.k] vihydrkZ dks lquokbZ dk ;qfDr;qDr volj nsus ds
i”pkr fdlh izdze ij vihy [kkfjt dj ldrk gSA
¼8½ vf/kdj.k] ;fn mlus vi/kkjk ¼7½ ds v/khu vihy igys gh [kkfjt
u dj nh gks] lqlaxr volj nsus ds i”pkr ;k] ;FkkfLFkfr] vi/kkjk
¼5½ ds v/khu fu/kkZfjr izfdz;k dk vuqlj.k djus ds i”pkr%
¼d½ ,sls vkns”k dh iqf’V] fujLr ;k ifjofrZr dj ldrk gS] ;k
¼[k½ vkns”k dks jn~n dj ldrk gS vkSj ;FkkfLFfr]
dj fu/kkZjd ;k vihy ;k iqujh{k.k vf/kdkjh ;k dfe”uj dks
funsZ”ldrk gS fd og ,slh vxzsrj tkWap ds i”pkr~ ;fn dksbZ gks]
tSlh fofufnZ’V dh tk;s] u;k vkns”k ns] ;k
¼x½ dj] “kqYd ;k ‘kkfLr dh ;k vU; ,slh /kujkf”k
dks] tks ns; /kujkf”k ls vf/kd olwy dj yh xbZ gks] bl vf/kfu;e
ds icU/kksa ds vuqlkj okil djus dk vkns”k ns ldrk gSA
¼9½ tgkWa bl /kkjk ds v/khu dksbZ vihy
nkf[ky dh x;h gks rks ,slh vihy ds Kkiu ds lkFk izLrqr fd;s
x;s vihydrkZ ds izkFkZuk&i= ij vf/kdj.k i{kksa dks lquokbZ
dk ;qfDr;qDr volj nsus ds i”pkr~ ftl vkns”k ds fo:) vihy dh
x;h gS mlds v/khu ns; fdlh dj] “kqYd ;k “kkfLr dh fooknxzLr
/kujkf”k dh olwyh dks ;k ns; /kujkf”k dh okilh dks ;k ftl
vkns”k ds fo#) vihy dh xbZ gS mlds v/khu iu% dj fu/kkZj.k dh
dk;Zokgh dks vihy ds fuLrkj.k gksus rd LFkfxr dj ldrk gS%
izfrcU/k ;g gS fd&
¼,d½ tgkWa /kkjk 55 ds v/khu vihy izkf/kdkjh us dj fu/kkZj.k
;k “kkfLr ds fdlh vkns”k dks vikLr fd;k gks vkSj u;s
fofu”p; ds fy, ekeys dks dj fu/kkZjd izkf/kdkjh dks
izfrizf’kr fd;k gks vkSj vihykFkhZ bl /kkjk ds v/khu dfe”uj
;k jkT; ljdkj ls fHkUu O;fDr gS] ogkWa bl /kkjk ds iz;kstu
dj ;k “kkfLr dh fooknxzLr /kujkf”k dks ogh /kjkf”k le>k
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vkSj
¼nks½ mi[k.M ¼,d½ ds micU/k ds v/khu jgrs gq, tgkWa ij ,sls
vkns”k esa ftlds fo#) vihy dh x;h gks] dj] “kqYd ;k “kkfLr
dh ek=k ds ckjs esa dksbZ fookn] vUrxZzLr gks] ogkWa
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“krksZa] ftlesa izfrHkwfr dks udn :I esa vuqKkr le; ds Hkhrj
nsus dh “krZ Hkh gS] ds v/khu jgrs gq;s vihy ds fuiVkjs rd
jksd ldrk gS(
vxzsrj izfrcU/k ;g gS fd&
¼d½ dj] “kqYd ;k “kkfLr dh fdlh fooknxzLr /kujkf”k dh
olwyh dks jksdus ds fy;s dksbZ izkFkZuk i= xzg.k ugha fd;k
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tek djus ds fy;s visfa{kr /kujkf”k ds vfrfjDr ,slh fooknxzLr
/kujkf”k dh de ls de ,d frgkbZ /kujkf”k ds Hkqxrku dk
lUrks’kizn izek.k izLrqr u dj fn;k gksA
¼[k½ vf/kdj.k fo”ks’k vkSj i;kZIr dkj.kksa ls ftUgsa
vfHkfyf[kr fd;k tk;sxk] ,slh fooknxzLr /kjkf”k dh ,d frgkbZ
/kujkf”k ds Hkqxoku djus ds lEcU/k esa [k.M ¼d½ dh vus{kk dh
vf/kR;tu ;k mls f”kfFky djldrk gSA
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“kkfLr dh olwyh dks jksdus ds fy, ;k ml vkns”k ds ftlds fo#)
vihy dh xbZ gks] izorZu dks jksdus ds vkns”k ikfjr fd;k gS
vkSj vf/kdj.k ds ,sls vkns”k ds ifj.kkeLo:i fdlh dj] “kqYd
;k “kkfLr izo`Rr ugha jgsxk tc rd vihykFkhZ cdk;k /kujkf”k
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¼,d½ tgkWa ,sls vkns”k esa] tks LFkxu ds fy, vihykFkhZ dh
izkFkZuk ij ikfjr vkns”k u gks] fookfnr dj] “kqYd ;k “kkfLr
dh /kujkf”k nks yk[k :i;s ;k le;≤ ij jkT; ljdkj }kjk vo/kkfjr
,slh /kujkf”k rhu yk[k :Ik;s ls vukf/kd gks] ls vf/kd gks]
nks lnL;ksa dh U;k;ihB }kjkA
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tk;sxkA
¼[k½ /kkjk 48 dh mi/kkjk
¼7½ ds ijUrq ds v/khu fn;s x;s funsZ”k ds fo#) vihy nks
lnL;h; ihB }kjk lquh ,oa fuLrkfjr dh tk,xhA
¼x½ /kkjk 56 ds v/khu
fdlh vkns”k ds fo#) vihy nks lnL;h; ihB }kjk lquh vkSj
fulrkfjr dh tk;sxhA
¼?k½ /kkjk 42 ds v/khu
ikfjr vkns”k ;k /kkjk 59 ds v/khu fn;s x;s fdlh fofu”p; ds
fo#) vihy v/;{k ds le{k nkf[ky dh tk;sxh
vkSj mldh lquokbZ vkSj fuLrkj.k rhu lnL;ksa dh ihB }kjk dh
tk;sxh
¼M-½ v/;{k ;fn og mfpr le>s&
¼,d½ fdlh vihy ds lquokbZ vkSj fofu”p; fdlh o`gn~rj ihB }kjk
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¼p½ nks ;k vf/kd
lnL;ksa ds fdlh U;k;ihB ds le{k ekeys esa dksbZ ,slk vkns”k]
dk xBu djus okys lnL;ksa esa ls fdlh ,d }kjk ikfjr fd;k tk
ldrk gS%
izfrcU/k ;g fd vkLFkxu
gsrq fdlh vkosnu ij ikfjr fdlh vkns”k ds fo#) dksbZ vihy ,dy
lnL;h; ihB }kjk vfUre :i ls dh tk ldrh gSA
¼13½ fdlh dj fu/kkZj.k
o’kZ ds lEcU/k esa ,d gh okn gsrqd ls mRiUu leLr vihyksa dh
lquokbZ vkSj mudk fofu”p;] tgkWa rd lEHko gks] ,d lkFk fd;k
tk;sxk%
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vf/kd vihyksa dh lquokbZ vkSj mldk fofu”p; igys gh fd;k tk
pqdk gS] ;fn vo”ks’k vihyksa dh lquokbZ djus okyh U;;ihB
fopkj djrh gS fd ,sls fofu”p; ls ,slh vo”ks’k vihyksa esa
jkgr nsus esa vM+pu gks ldrh gS] ogkW og] ;fn iwoZRrj fofu”p;&
¼d½ o`gn~rj
U;k;ihB }kjk fn;k x;k gks] ,slh vo”ks’k vihyksa dks ,slh vf/kdkfjrk;qDr
o`gn~rj U;k;ihB dks fufnZ’V dj ldrh gS vkSj rRi”pkr~ ,slh
o`gn~rj U;;ihB ,sls iwoZRrj fofu”p; dks jn~n dj ldry gS vkSj
lHkh vihyksa dk ,d lkFk fofu”p; djus dh dk;Zokgh dj ldrh gSA
¼14½ vf/kdj.k dh
cSBd dk LFkku vkSj izfdz;k vkSj vf/kdj.k dks vihy vkSjvU;
ys[k izLrqr djus dh jhfr bl vf/kfu;e ds v/khu cuk;s x;s
fu;eksa ds v/khu jgrs gq;s] ,slh gksxh tSlh vf/kdj.k vaxhdkj
djuk mfpr le>sA
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}kjk lqus x;s ekeys dk fu.kZ; cgqer dh jk; ds vuqlkj gksxkA
;fn lnL;ksa dh jk; cjkcj gksrh gS rks vf/kdj.k dk v/;{k&
¼d½ ;fn og ,slh
U;k;ihB dk lnL; ugha Fkk] viuh jk; ns ldrk gS] ;k fdlh vU; lnL; dh jk; ds fy;s ekeyk fufnZ’V dj ldrk gS]
rnuUrj ekeysdk fu.kZ; ,slh jk; ds vuqlkj fd;k
tk;sxk( ;k
¼[k½ o`gn~rj
U;k;ihB cuk ldrk gSA
¿fu;e 66]72]73 ns[ksaÀ
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iqujh{k.k&¼1½/kkjk
57 mi/kkjk ¼7½ ;k mi/kkjk ¼8½ ds v/khu fn;s x;s vkns”k ls]
tks mDr /kkjk dh mi/kkjk ¼4½ ds v/khu vihy dk laf{kIr
fuLrkj.k djus ds vkns”k ls fHkUu gks] {kqC/k dksbZ O;fDr ,slk
vkns”k rkehy fd;s tkus ds fnukad ls 90 fnu ds Hkhrj mPp
U;k;ky; esa bl vk/kkj ij ,sls vkns”k ds iqujh{k.k ds fy;s
vkosnu dj ldrk gS fd ekeys esa fo/k iz”u vUrxzZLr gSA
¼2½ mi/kkjk¼1½ ds v/khu iqujh{k.k ds izkFkZuk&i= esa
ekeys ls lEcfU/kr fof/k iz”u dh Bhd&Bkd o.kZu gksxk vkSj
fof/k&iz”u ds lw=hdj.k ;k fdlh vU; fdlh fof/k&iz”u mBk;s
tkus dh vuqefr nsus ds fy;s mPp U;k;ky; l{ke gksxkA
¼3½ ;fn ml /kkjk ds v/khu dksbZ izkFkZuk&i= fopkjk/khu
gks rks mPp U;k;ky; ml fufeRr izkFkZuk i= fn;s tkus ij
iqujh{k.k ds fy;s vk”kf;r vkns”k ds v/khu ns; dj]
“kqYd ;k vFkZn.M dh fdlh fooknxzLr /kujkf”k dh olwyh dks ;k
fdlh n; /kujkf”k dh okilh dks LFkfxr dj ldrk gS%
izfrcfU/kr ;g gS fd ,slh foonxzlr /kujkf”k dh olwyh ds LFkxu
ds fy;s dksbZ vkns”k rhl fnu ls vf/kd izo`Rr ugha jgsxk tc
rd fd vkosnd lEc) dj fu/kkZjd izkf/kdkjh ds larks’kkuqlkj
i;kZIr izfrHkwfe u ns nsA
¼4½ mPp U;k;ky; iqujh{k.k ds i{kksa dh lquokbZ djus ds
i”pkr~ vUrxzZLr fof/k&iz”u dk fu.kZ; djsxk vkSj ;fn ,sls
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